II भजन II
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
किलकि-किलकि उठत धाय
किलकि-किलकि उठत धाय, गिरत भूमि लटपटाय
धाय मात गोद लेत, दशरथ की रनियां
ठुमक चलत… बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
अंचल रज अंग झारि
अंचल रज अंग झारि, विविध भांति सो दुलारि
विविध भांति सो दुलारि
तन मन धन वारि-वारि, तन मन धन वारि
तन मन धन वारि-वारि, कहत मृदु बचनियां
ठुमक चलत… बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
विद्रुम से अरुण अधर
विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर-मधुर
बोलत मुख मधुर-मधुर
सुभग नासिका में चारु, लटकत लटकनियां
ठुमक चलत… बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
तुलसीदास अति आनंद
तुलसीदास अति आनंद, देख के मुखारविंद
देख के मुखारविंद
रघुवर छबि के समान
रघुवर छबि के समान, रघुवर छबि बनियां
ठुमक चलत
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
Thumak Chalat Ramchandra | ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां Bhajan पीडीएफ हिंदी में प्राप्त करें
यह भी पढ़ें
- सुंदरकांड दोहा 1-10 हिंदी में ~ Sunderkand Doha 1-10 in Hindi
- सुंदरकांड दोहा 11-20 हिंदी में ~ Sunderkand Doha 11-20 in Hindi
- सुंदरकांड दोहा 21-30 हिंदी में ~ Sunderkand Doha 21-30 in Hindi
- सुंदरकांड दोहा 31-40 हिंदी में ~ Sunderkand Doha 31-40 in Hindi
- सुंदरकांड दोहा 41-50 हिंदी में ~ Sunderkand Doha 41-50 in Hindi
- सुंदरकांड दोहा 51-60 हिंदी में ~ Sunderkand Doha 51-60 in Hindi
- सुंदरकाण्ड के 60 दोहे – SUNDERKAND KE DOHE