II भजन II
श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए ।
सच कहता हूँ मेरी
तकदीर बदल जाए ॥
श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की॥
सुनता हूँ तेरी रहमत,
दिन रात बरसती है ।
एक बूँद जो मिल जाए,
दिल की कली खिल जाए ॥
श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की॥
यह मन बड़ा चंचल है,
कैसे तेरा भजन करूँ ।
जितना इसे समझाऊं,
उतना ही मचल जाए ॥
श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की॥
नजरों से गिराना ना,
चाहे जितनी सजा देना ।
नजरों से जो गिर जाए,
मुश्किल ही संभल पाए ॥
श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की॥
श्यामा इस जीवन की
बस एक तमन्ना है ।
तुम सामने हो मेरे और
प्राण निकल जाए ॥
श्यामा तेरे चरणों की,
राधे तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए ।
सच कहता हूँ मेरी
तकदीर बदल जाए ॥
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