II भजन II
हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,
हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,
हरि के भजन बिन,
हरि के भजन बिन, नहीं गुजारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
हरि नाम से तेरा काम बनेगा,
हरि नाम ही तेरे साथ चलेगा,
हरि नाम लेने वाला,
हरि नाम लेने वाला, हरि का है प्यारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
कोई कहे राधे-श्याम,
कोई कहे सीता-राम,
कोई गिरिधर गोपाल,
कोई राधा-माधव नाम,
वो ही हरि दीन बंधू,
वो ही हरी करुणा सिन्धु,
नमो बारम्बारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
सुख़ दुःख भोगे जाओ,
लेखा सब मिटाते जाओ,
हरि गुण गाते जाओ,
हरि को रिझाते जाओ,
वो ही हरि दीन-बंधू,
वो ही हरी करुणा-सिन्धु,
सबका है प्यारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
दीनो पर दया करो,
बने तो सेवा भी करो,
मोह सब दूर करो,
प्रेम हरि से करो,
ये ही भक्ति ये ही योग,
ये ही ज्ञान सारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,
हरि के भजन बिन,
हरि के भजन बिन, नहीं गुजारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
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