II भजन II
गाइये गणपति जगवंदन।
शंकर सुवन भवानी के नंदन॥
सिद्धि सदन गजवदन विनायक।
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक॥
गाइये गणपति जगवंदन।
शंकर सुवन भवानी के नंदन॥
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता।
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता॥
गाइये गणपति जगवंदन।
शंकर सुवन भवानी के नंदन॥
मांगत तुलसीदास कर जोरे।
बसहिं रामसिय मानस मोरे॥
गाइये गणपति जगवंदन।
शंकर सुवन भवानी के नंदन॥
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