II भजन II
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हैया
कैसे आऊं मैं कन्हैया
तेरी गोकुल नगरी, बड़ी दूर नगरी
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी…
कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
रात में आऊं तो कान्हा, डर मोहे लागे
रात में आऊं तो कान्हा, डर मोहे लागे
दिन में आऊं तो, देखे सारी नगरी
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
सखी संग आऊं कान्हा, शर्म मोहे लागे
सखी संग आऊं कान्हा, शर्म मोहे लागे
अकेली आऊं तो भूल जाऊ डगरी
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
धीरे धीरे चालूँ कान्हा, कमर मोरी लचके
धीरे धीरे चालूँ कान्हा, कमर मोरी लचके
झटपट चालूँ तो छलकाए गगरी
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर
तुम्हरे दरस बिन मैं तो हो गयी बवरी
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई, तेरी गोकुल नगरी
बड़ी दूर नगरी
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
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