II भजन II
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना ।
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
हम दीन दुखी निर्बल,
नित नाम रहे प्रतिपल,
यह सोच दरश दोगे,
प्रभु आज नही तो कल,
जो बाग़ लगाया है,
फूलों से सजा देना ।
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
तुम शांति सुधाकर हो,
तुम ज्ञान दिवाकर हो,
मम हँस चुगे मोती,
तुम मान सरोवर हो,
दो बूंद सुधारस की,
हमको भी पिला देना ।
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
रोकोगे भला कबतक,
दर्शन को मुझे तुमसे,
चरणों से लिपट जाऊं,
वृक्षों से लता जैसे,
अब द्वार खड़ी तेरे,
मुझे राह दिखा देना ।
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
मजधार पड़ी नैया,
डगमग डोले भव में,
आओ त्रिशला नंदन,
हम ध्यान धरे मन में,
अब तनवर करे विनती,
मुझे अपना बना लेना ।
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
भगवान मेरी नैया,
उस पार लगा देना,
अब तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना ॥
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