II भजन II
आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया।
आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया।
शिश मणी मौरिया, कुण्डल सोहे कनमा,
कारी कारी कजरारी जुलमी नयनमा।
लाल चंदन सोहे इनके भाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया।
श्यामल-श्यामल, गोरे- गोरे, जोड़ीया जहान रे,
अँखिया ना देखनी सुनलीं ने कान हे।
जुग जुग, जोड़ी जीबे बेमिसाल सखिया
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया।
गगन मगन आजु, मगन धरतिया,
देखि देखि दुलहा जी के, साँवर सुरतिया।
बाल वृद्ध, नर-नारी, सब बेहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया।
जेकरा लागी जोगी मुनि, जप तप कईले,
से मोरा मिथिला में पाहुन बन के अईले।
आजु लोढ़ा से सेदाई इनके गाल सखिया…
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया।
आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया।
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